विज्ञान और ज्ञान में क्या अंतर

विज्ञान और ज्ञान सृष्टि के प्रारंभ से ही मानव सभ्यता अन्य सभी प्रजाति जीवो से श्रेष्ठ और भिन्न है क्योंकि समय-समय पर मानव ने अपनी बुद्धिमता और विवेक के माध्यम से नए नए आविष्कार कर बौद्धिक वर्चस्व और मानव सत्ता स्थापित की । जैसे जैसे मानव सभ्यता विकास करने लगी वैसे वैसे ही भौतिक अनुसंधानों की गति बढ़ने लगी और इन आविष्कारों से मानव प्राणी सृष्टि का बौद्धिक योद्धा साबित हुए और इन्ही योद्धा द्वारा विचार , विवेक और अपनी सूझ-बूझ से समय समय पर विज्ञान की परिभाषा को समझते हुए आविष्कारों से जीवन जीने के नई तौर तरीके बदल दिए गए । जैसे मानव शिक्षित होते गए वैसे नए-नए आविष्कार होते है कई तकनीकि मशीनों जैसे कम्प्यूटर का आविष्कार कर दिया , चांद ,मंगल ग्रह आदि ओर मानव सभ्यता की स्थापना करने की चाह बढ़ गई लेकिन मानव द्वारा किये इन आविष्कार से वह स्वयं इसी में उलझते गए और विज्ञान और ज्ञान में अंतर भूल कर स्वयं ही श्रेष्ठ मान बैठे । जिसका परिणाम यह हुआ कि मानव ने अपनी बुद्धिमता को केवल अपने शारीरिक सुख के रूझान की ओर मोड़...