प्राकृतिक आपदाएं

                            प्राकृतिक आपदाएं


ऐसी कोई भी प्राकृतिक घटना जिससे मनुष्य के जीवन को हानि हो प्राकृतिक आपदा कहते हैं।सदियों से प्राकृतिक आपदाये मनुष्य के अस्तित्व के लिए चुनौती रही है।जंगलो में आग,बाढ़, भूकम्प,सुनामी,बदल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाये बार बार मनुष्य को चेतावनी देती है।वर्तमान में हम प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहें हैं जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है।
आज मनुष्य अपने निजी स्वार्थ के लिए वनों,मैदानों,पहाड़ो,खनिज पदर्थों का दोहन कर रहा है।उसी के कारण प्राकृतिक आपदाये दिन ब दिन बढ़ने लगी है।

हमे सावधानीपूर्वक प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए।ऐसी आपदाओं के कारण जान-माल की हानि होती है।
प्राकृतिक आपदाओं के कई प्रकार हैं-
1.जंगलो में आग
2.आंधी
3.बिजली गिरना
4.महामारी
5.चक्रवाती तूफान
इस तरह की आपदाये कुछ समय के लिए आती है बड़ी मात्रा में नुकसान करती है।मकानों,शहरों को नष्ट कर देती है।हर कोई इनके सामने बोना साबित होता है।

प्रकृति के नियमो का पालन न होकर उनका सामूहिक उल्लंघन ही प्राकृतिक असंतुलन ओर आपदाओं का कारण है।
●लेकिन एक सवाल हमेशा ही मन मे उठता है कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?क्यो इस तरह की आपदाये आती है?शायद इसका जवाब हम सभी के पास है और हम सभी जानते हैं।जब भी हम प्रकति के साथ खिलवाड़ करेंगे तो उस ईश्वर द्वारा बनाए हुए इस धरा के संतुलन को बिगड़ेंगे तो हमे इस तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ेगा
क्या हमने कभी सोचा है कि इन सभी आपदाओं से कैसे छूटकारा मिल सकता है?इन सभी आपदाओं से सिर्फ पूर्ण परमात्मा ही बचा सकते हैं वह पूर्ण परमात्मा कौन है जानने के लिए visit करे 👇👇
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